गेहूं सस्ता आटा महंगा:2300 रु. प्रति क्विंटल तक आया गेहूं का रेट फिर भी 32 से 38 रु. / किलो मिल रहा आटा ‌

रायसेन (Madhya Pradesh) केंद्र सरकार द्वारा 4 लाख टन सरकारी गेहूं बाजार में बिक्री के लिए उतारने पर गेहूं के रेट गिरकर 2300 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गए हैं। इसका असर यह हुआ कि सवा महीने पहले एक क्विंटल आटा मिलों से 3200 रुपए में बिक रहा था, वह अब 2700 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया है। इस प्रकार प्रति क्विंटल के हिसाब से रेट में 500 रुपए की कमी ई है।

इसके बाद भी शहर की खुदरा दुकानों पर आटा 32 रुपए से 38 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। बेगमगंज क्षेत्र से जो आटा शहर में आता है, उसकी 25 किलो की पैकिंग 800 रुपए और भोपाल से आने वाला आटा 850 में रुपए मिल रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि खुदरा बाजार में अभी भी आटे के भाव पूरी तरह से नियंत्रित नहीं हुए हैं, जबकि बाजार में गेहूं का रेट प्रति क्विंटल 500 रुपए तक कम हुए हैं। वहीं जिले में 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में गेहूं की बोवनी की गई है और बंपर उत्पादन की संभावना जताई जा रही है।

जिले में गेहूं की दो तरह की बोवनी

अक्टूबर – नवंबर तक समय की बोवनी: जिले में जिन क्षेत्रों में गेहूं की बोवनी अक्टूबर से नवंबर तक कर दी गई थी, उन क्षेत्रों में गेहूं की फसल 90 से 105 दिन तक की हो गई है। इसको दूधिया अवस्था (मिल्की स्टेज) कहा जाता है। इसमें गेहूं का भराव होने लगता है।

नवंबर के बाद देरी वाली बोवनी: धान की कटाई में देरी के चलते गेहूं की बोवनी भी जिले में दिसंबर के आखिरी और जनवरी के पहले सप्ताह तक चली है। इस तरह से जिले में गेहूं की देरी से बोवनी वाला रकबा अधिक है। इस रकबे में गेहूं की फसल 90 से 95 दिन की हो चुकी है। गेहूं की इस तरह की फसल में गवोट निकल रही है।

125 से 130 दिन में पकती है गेहूं की फसल: कृषि वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुबे के मुताबिक गेहूं की फसल 125 से 130 दिन में पक जाती है। जिले में मार्च में कई जगह गेहूं की कटाई भी शुरू हो जाएगी। गेहूं का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 से 45 क्विंटल तक माना जाता है। दो बार मावठा गिरने और तापमान कम रहने से प्रति हेक्टेयर तक 5 से 10 क्विंटल तक उत्पादन बढ़ने की संभावना है।

गेहूं के अच्छे उत्पादन के दो कारण

न्यूनतम तापमान में कमी
गेहूं की फसल के लिए कम तापमान बहुत उचित माना जाता है। इस बार जनवरी के अलावा फरवरी के दूसरे और तीसरे सप्ताह में न्यूनतम तापमान 7 से 10 डिग्री के बीच ही बना हुआ है। वहीं दिन का अधिकतम तापमान भी 26 से 30 के बीच चल रहा है। गेहूं की फसल में अच्छी ठंडक मिलने से दाने का अच्छा भराव होता है। इससे अच्छे उत्पादन की संभावना बन रही है।

दो बार गिरा मावठा
जिले में इस बार दो बार मावठा गिरा है, जो गेहूं सहित दूसरी फसलों के लिए बहुत ही फायदेमंद रहा है। जिन क्षेत्रों में मावठे की अच्छी बारिश हुई है, वहां फसलों को पूरी एक सिंचाई का लाभ मिला है। यह मावठा 15 दिन पहले गिरा था। इससे पहले भी एक बार गेहूं की फसल को मावठा का पानी मिल चुका है। इस तरह से गेहूं की फसल में अच्छे उत्पादन के संकेत मिल रहे हैं। 500 रु. क्विंटल तक कमी

सवा महीने पहले गेहूं के रेट 2900 से 3000 व आटे के रेट 3200 रुपए क्विंटल थे । अब मिल क्वालिटी के गेहूं का रेट 2300 रुपए तक आ गया है । 2700 रु. क्विंटल के रेट पर आटा बेचा जा रहा है । 500 रु. क्विंटल की कमी आई है ।-पंकज राय, आटा मिल संचालक, बेगमगंज

रायसेन: MP

Dainik Bhaskar

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