आढ़तियों, राइस मिलर्स, नेताओं और एफसीआई अधिकारियों के गठजोड़ पर नकेल कसने के लिए सीबीआई ने 50 ठिकानों पर छापेमारी की
पंजाब में ‘आढ़तियों’, भारतीय खाद्य निगम (FCI) के अधिकारियों और कुछ राजनेताओं के एक बड़े गठजोड़ का भंडाफोड़ करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए, सीबीआई ने मंगलवार को एफसीआई में प्रणालीकृत भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के तहत पंजाब में 50 स्थानों पर तलाशी ली। यह गोरखधंधा अनाज व्यापारियों और निजी चावल-मिलर्स की मिलीभगत से फलफूल रहा था। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने अब तक की छापेमारी में कम से कम 350 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया है।
सीबीआई के रडार पर फेडरेशन ऑफ आढ़तिया एसोसिएशन ऑफ पंजाब के पदाधिकारी हैं, जिनमें से कई पर मंगलवार को छापेमारी की गई थी। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी के पास एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कालरा, सचिव दीपक तायल और एसोसिएशन के जिला स्तर के अध्यक्ष जसविंदर राणा पर नजर थी। अधिकारियों ने कहा कि अन्य जिला अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के परिसरों में भी तलाशी ली गई। इनमें से कई व्यापारियों और जिलाध्यक्षों ने कथित तौर पर नवंबर 2020 में सिंघू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था। सूत्रों ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप एफसीआई अधिकारियों की मिलीभगत से संबंधित हैं, जिन्हें कथित रूप से रिश्वत दी गई थी और कम गुणवत्ता वाला खाद्यान्न बेचा गया था।
सीबीआई ने मानसा, होशियारपुर, फिरोजपुर, लुधियाना, संगरूर आदि जगहों पर छापेमारी की। यह ऑपरेशन एफसीआई में चैनलाइज्ड भ्रष्टाचार के गठजोड़ को तोड़ने के लिए शुरू किया गया था, जिसमें एफसीआई के अधिकारी, निजी राइस मिलर्स और अनाज व्यापारी शामिल थे। सीबीआई ने पहले खरड़ (पंजाब) स्थित एक फर्म के मालिक डीजीएम (गुणवत्ता नियंत्रण) और एक प्रबंधक (प्रयोगशाला), एफसीआई, डीओ, चंडीगढ़ को गिरफ्तार किया था।
लगभग 99 स्थानों पर तलाशी के दौरान, 1.03 करोड़ रुपये, 3 करोड़ रुपये से अधिक की सावधि जमा, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण आदि बरामद किए गए।