जयपुर में सरसों तेल में आई करीब 20 रूपए की गिरावट:एक माह में आटे के थोक भाव 8 किलो तक गिरे, खुदरा में 4 ही घटे
महंगाई से परेशान आम आदमी को पिछले एक महीने के दौरान गेहूं के आटा-तेल ने थोड़ी राहत दी है। दरअसल, रबी फसलों की कटाई और केंद्र सरकार की ओर से खुले बाजार में करीब 23 लाख टन गेहूं बेचने से 25 जनवरी से अब तक थोक में आटा, मैदा व सूजी करीब 23 फीसदी सस्ते हो चुके हैं। जबकि सरसों तेल की कीमत में 16 फीसदी की गिरावट आई है। सोयाबीन तेल के भाव भी घटे हैं। लेकिन थोक की कीमतों में कमी का पूरा फायदा उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है। खुदरा बाजार में आटा-मैदा-सूजी की कीमतों में करीब 11 फीसदी की ही कमी हुई।
कमोबेश खाद्य तेल का भी यही हाल है। उधर, ब्रेड कंपनियों का कहना है कि उन्होंने न कीमत बढ़ाई और ना ही घटाई। जबकि जनवरी में खुदरा में 700 ग्राम ब्रेड का पैकेट दो रुपए, जबकि इतना ही वजनी ब्राउन ब्रेड का पैकेट पांच रुपए महंगा हाे गया था। इसकी कीमत लगभग इसी स्तर पर है। ग्राहकों को दूसरे ब्रेकरी उत्पादों की कीमतों में अभी तक कमी का इंतजार है।
जून तक कीमतें बढ़ने की उम्मीद कम
प्रदेश की मंडियों में नई सरसों की आ रही है, गेहूं की आवक अगले 20 दिन में शुरू हो सकती है। कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार इस साल प्रदेश में 1.13 लाख टन गेहूं की पैदावार हो सकती है, जो पिछले रबी सीजन में 1.10 लाख टन थी। सरसों उत्पादन 65 लाख टन हो सकता है। गेहूं व सरसों की नई फसल जून तक मंडियों में आती है। इससे कीमतों में और कमी की उम्मीद की जा रही है।

थोक (भाव प्रति किलो)
उत्पाद 25 जनवरी 27 फरवरी
आटा 34-35 26-28
मैदा 33-35 25-27
सूजी 36-38 28-30
सरसों तेल 130 109
खुदरा (प्रति किलो)
आटा 39 35
मैदा 40 36
सूजी 45 40
सरसों तेल 150 130
ब्रेड की कीमत में कमी नहीं
जनवरी में 700 ग्राम पैकेट 50 से बढ़कर 52 रुपए और ब्राउन ब्रेड का 50 से 55 रुपए का हो गया था। इसकी कीमत लगभग इसी स्तर पर है।
नई फसल आएगी, तब कीमतों में कमी होगी
बाजार में गेहूं की सप्लाई बढ़ने से आटा, मैदा, सूजी कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है। हालांकि अभी नई फसल आने में करीब 20 दिन का समय बाकी है। जैसे ही नई फसल आएगी, कीमतों में और कमी होगी। हालांकि, थोक के मुकाबले खुदरा कीमतों में गिरावट कम हुई है।-सुभाष गाेयल, अध्यक्ष, जयपुर व्यापार महासंघ
एक माह में सरसों तेल के दाम 15% तक घटे
एक साल पहले सरसों तेल थोक में 180 तथा खुदरा में 200 रुपए किलो तक बिका था। सप्लाई बढ़ने से एक साल के दौरान सरसों तेल करीब 40 फीसदी सस्ता हाे चुका है। एक महीने में ही सरसों तेल की कीमत में 15 फीसदी कमी अाई है। इस साल देश में सरसों की पैदावार बंपर होने का अनुमान है। इससे फिलहाल सरसों तेल समेत अन्य खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ने की संभावना नहीं है। –अनिल चतर, निदेशक, मरुधर ट्रेडिंग कंपनी
This article has been republished from Dainik Bhaskar.