वाणिज्य और उद्योग मंत्री: ईसीजीसी द्वारा विस्तारित 90% ऋण जोखिम कवर के लिए निर्यात ऋण सीमा 20 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये की जानी चाहिए
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, वस्त्र तथा उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज अंधेरी, मुंबई में निर्यात ऋण गारंटी निगम के नए कॉर्पोरेट कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। ईसीजीसी भवन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चूंकि हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में हैं, इसलिए यह सर्वाधिक उपयुक्त है कि हम इस साल 750 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल कर लें। “बड़ी जिम्मेदारी और विश्वास के साथ, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि फरवरी 2023 तक के आंकड़े पहले से ही पिछले पूरे साल की तुलना में अधिक हैं और हम निश्चित रूप से इस वर्ष के अंत तक 750 बिलियन डॉलर से अधिक का निर्यात करने में सफल होंगे। यह एक और ऐतिहासिक रिकॉर्ड होगा।“
मंत्री ने ईसीजीसी को अपने संचालन में और अधिक आधुनिक और डिजिटल बनने पर जोर दिया, जिससे दक्षता अधिक होगी, निर्यातकों के बीच विश्वास और बढ़ेगा तथा प्रदर्शन बेहतर होगा। “हमें अपने बच्चों को एक ऐसा भारत सौपना है, जो पूरी तरह से भ्रष्टाचार-मुक्त हो। किसी भी अनियमित गतिविधियों में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ हमें कठोर होना चाहिए। यदि हम भारत को एक महाशक्ति बनाना चाहते हैं, तो हमें यह निर्णय लेना होगा कि हम न्यू इंडिया में उच्च स्तरीय सत्यनिष्ठा चाहते हैं तथा इसमें सरकार, उद्योग, ईसीजीसी, एक्जिम बैंक जैसे निकायों और अन्य हितधारकों का सामूहिक प्रयास होना चाहिए। ईसीजीसी को इस बात पर बहुत सचेत रहना होगा कि क्या चल रहा है; काम में पारदर्शिता हो, संचालन में आसानी हो, सहायक की भूमिका में रहें एवं जितना संभव हो संचालन ऑनलाइन रूप में हो। हमें निर्यातक पर भरोसा करना चाहिए, जब तक कि किसी पर भरोसा न करने का कोई कारण मौजूद न हो और पारदर्शी संचालन के साथ उनके साथ पूरी तरह से डिजिटल ऑनलाइन संवाद किया जाना चाहिए। मैं ईसीजीसी से आग्रह करूंगा कि वह आपकी सभी प्रक्रियाओं पर फिर से विचार करे। मैं उद्योग जगत से आग्रह करूंगा कि वे भारत की गाथा की साफ़-सुथरी छवि बनाने में हमारी मदद करें, ताकि यह एक ऐसी गाथा हो, जिससे दुनिया ईर्ष्या करे।“
Also read: Govt plans to double down on rice, millet stocking amid heat threat to wheat yield
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने अभिनव उपायों के लिए ईसीजीसी की सराहना की, जैसे एक ऐसी नीति की शुरूआत, जहां 20 करोड़ रुपये की निर्यात ऋण सीमा के साथ, निर्यातकों को उनके नुकसान का 90% तक कवर किया जाता है, जो पहले 60% हुआ करता था। “सभी लंबित दावों को अब पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन पूरा किया जाता है। इस विश्व स्तरीय इमारत के उद्घाटन होने के साथ, मैं सीएमडी, ईसीजीसी से 20 करोड़ रुपये की निर्यात सीमा को बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये करने का अनुरोध करूंगा, ताकि किसी भी संभावित जोखिम या हानि के लिए 90% के इस विस्तारित ऋण जोखिम कवर व्यवस्था के तहत रत्न और आभूषण और कमोडिटी क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों को भी शामिल किया जा सके। बदले में, हम चाहते हैं कि उद्योग जगत अपने दावों में और ईसीजीसी के साथ अपने काम करने के तरीके में पूरी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करे। हम चाहते हैं कि आप सभी धीरे-धीरे ईसीजीसी के साथ काम करने के लाभ प्राप्त करें। इन लाभों की प्राप्ति के लिए हम अधिक निर्यात चाहते हैं, हम लगभग 22% – 25% व्यापारिक निर्यात को कवर करते हैं, हमें लगभग 50% तक जाने का लक्ष्य रखना चाहिए, ताकि लगभग सभी एमएसएमई इन योजनाओं और कम ब्याज दरों से लाभान्वित हो सकें।
मंत्री ने एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों के साथ जुड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। “हमें अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव देखना होगा, क्योंकि दुनिया का कोई भी देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बड़े पैमाने पर शामिल हुए बिना एक विकसित राष्ट्र नहीं बन पाया है। हमें एक अर्थव्यवस्था और इकोसिस्टम की उस संस्कृति का निर्माण करना है, जो पूरे आत्मविश्वास के साथ, ताकतवर स्थिति से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ के साथ काम कर सके।”
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विपुल बंसल ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि ईसीजीसी का नया कॉर्पोरेट कार्यालय हमारे यहां सबसे हरित भवन होगा। “मुझे गर्व है कि पिछले दो वर्षों में ईसीजीसी का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। प्रीमियम में हुई वृद्धि हमारे कुल निर्यात ऋण से अधिक हो गई है, इसलिए हमारी बाजार हिस्सेदारी में भी सुधार हो रहा है, निर्यात पर हमारे बीमा कवरेज में सुधार हो रहा है।” संयुक्त सचिव ने कहा कि ईसीजीसी का ऋण अदायगी क्षमता अनुपात; आवश्यकता से अधिक है और आशा व्यक्त की कि कंपनी देश के सबसे छोटे निर्यातकों तक पहुंचने के लिए अपना विस्तार करेगी।
संयुक्त सचिव ने कहा कि ईसीजीसी ‘स्माइल’ नामक अत्याधुनिक आईटी प्रणाली को अपनाने की योजना बना रहा है। “गिफ्ट सिटी शाखा को चालू करना है। हम आशा करते हैं कि आने वाले महीनों में दावा निपटान अनुपात अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगा।“
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस के अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल ने कहा कि वाणिज्य मंत्री की सक्रिय भागीदारी से, भारत पिछले साल 420 अरब डॉलर के निर्यात को पार करने में सफल रहा। “मुझे पूरा विश्वास है कि हम चालू वित्त वर्ष के लिए 800 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को पार कर लेंगे। पहली बार विदेशों में हमारे मिशन हमारे निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।“
अतिथियों का स्वागत करते हुए ईसीजीसी के सीएमडी एम. सेंथिलनाथन ने कहा कि ऋण जोखिम बीमा सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी ने देश के प्रमुख निर्यात-उन्मुख स्थानों में 46 शाखा कार्यालयों और 4 क्षेत्रीय कार्यालयों का एक नेटवर्क स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि ईसीजीसी मौजूदा बाजारों की सुरक्षा और नए बाजारों की खोज में निर्यातकों का समर्थन करता है। सीएमडी ने आश्वासन दिया कि ईसीजीसी निर्यातकों को हमारी निर्यात क्षमता का दोहन करने में मदद करने में प्रभावी ढंग से अपनी भूमिका निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
ईसीजीसी लिमिटेड (पूर्व में एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड), जो भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व में है, को 1957 में निर्यात के लिए ऋण जोखिम बीमा और संबंधित सेवाएं प्रदान करके देश से निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता है और एक निदेशक मंडल द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जिसमें सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक, बैंकिंग, बीमा और निर्यातक समुदाय के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। पिछले कुछ वर्षों में इसने भारतीय निर्यातकों और निर्यात ऋण देने वाले वाणिज्यिक बैंकों की आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न निर्यात ऋण जोखिम बीमा उत्पाद तैयार किए हैं।
ईसीजीसी अनिवार्य रूप से एक निर्यात संवर्धन संगठन है, जो भारतीय निर्यातकों को ऋण बीमा कवर प्रदान करके उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करना चाहता है।
This article has been republished from pib.gov.in