FCI sells 3.4 MT wheat in open market, flour millers say atta prices have fallen by Rs 6-8/kg
By Dipak K DashThe Food Corporation of India (FCI) has sold around 3.4 million tonnes (MTs) of wheat in the
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Read moreThe Central Bureau of Investigation (CBI) has filed a chargesheet in the alleged nationwide multi-crore procurement scam. Reportedly many Food
Read moreराईस मिलरों ने एफसीआई में आई ऑटोमेटिक ग्रेन एनालाइजर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को करीब १० लॉट
Read moreBy Dipak K Dash The major procurement of wheat will start from March 25 with Madhya Pradesh scheduled to commence
Read moreBy Sandip Das The Food Corporation of India (FCI) on Thursday sold 5,40,000 tonne of wheat to private bulk buyers
Read moreBy Jitendra Choubey Central cooperatives and federations could sell only around 8 per cent of the allotted three lakh tonne (LT)
Read moreBy Prabhudutta Mishra The Indian government has procured nearly 93 per cent of the paddy targeted from the kharif season
Read moreDuring the first session of the Conference of Food Ministers of all States/UTs., a meeting of State Food Secretaries and Food
Read moreकेंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, कपड़ा और वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्मार्ट-पीडीएस एक प्रौद्योगिकी संचालित पहल है और समय की आवश्यकता है, इसलिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्मार्ट-पीडीएस को शीघ्रातिशीघ्र कार्यान्वित करने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने मानवीय हस्तक्षेप को कम करने और वर्तमान प्रक्रियाओं में ऑटोमेशन को बढ़ावा देने का आग्रह करते हुए एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न की नि:शुल्क आपूर्ति श्रृंखला के लिए पारदर्शिता अत्यंत महत्वपूर्ण होनी चाहिए। श्री गोयल ने आंध्र प्रदेश कमांड कंट्रोल की सराहना की और कहा कि राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार अन्य राज्यों में भी इसे कार्यान्वित करने के लिए मिलकर काम करेगी। भंडारण के मोर्चे पर, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अपने गोदामों को 5 स्टार रेटेड गोदामों में अपग्रेड कर रहा है और राज्य सरकारें भी अपने गोदामों को अपग्रेड कर सकती हैं। राज्य सरकारों के लम्बित दावों के निस्तारण के संबंध में उन्होंने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर यह किया जा रहा है और इसका शीघ्र निस्तारण किया जायेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए समय निकालने के लिए सभी राज्यों के खाद्य मंत्रियों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सम्मेलन में उपस्थित सभी लोग निर्धनों की सेवा कर रहे हैं और इसलिए हमें अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए ताकि गरीबों को उनके हक का अनाज समय पर मिल सके। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने अपनी टिप्पणियों में भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई प्रमुख पहलों को शामिल किया। विशेष रूप से, उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के समन्वय में कोविड-19 महामारी के दौरान अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 तक कार्यान्वित की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और प्रवासी जनसंख्या की सहायता करने के लिए लागू की गई वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को रेखांकित किया। उन्होंने देश में पोषण सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए पीडीएस में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के महत्व पर भी बल दिया। डीएफपीडी के सचिव श्री संजीव चोपड़ा ने सभी राज्यों के खाद्य मंत्रियों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों और डीएफपीडी के अधिकारियों का स्वागत किया और सम्मेलन की कार्यसूची के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ओएमएसएस के माध्यम से गेहूं की कीमतों को कम करने, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन का अनुकूलन, मोटे अनाज (श्री अन्न) को बढ़ावा देने, राइस फोर्टिफिकेशन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने यह उल्लेख करते हुए निष्कर्ष निकाला कि यह सम्मेलन भोजन और सार्वजनिक वितरण के मामले में केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों दोनों के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा। यह सम्मेलन खाद्य और सार्वजनिक वितरण के क्षेत्र में प्रगति और विकास की नई सोच लाने का मार्ग प्रशस्त करता है। सम्मेलन ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनके मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान किया और उनके सामने आने वाली समस्याओं के व्यवहार्य समाधान प्रदान करने में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया। इसने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की उपलब्धियों को रेखांकित किया और इस प्रकार दूसरों को एक प्रगतिशील और नवोन्मेषी मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रेरित किया। सम्मेलन के दौरान मोटे अनाजों की खरीद और पीएमजीकेएवाई के लाभार्थियों के बीच इसके उपयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। सभी राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे कर्नाटक में आईसीडीएस, मिड-डे मील और पीडीएस जैसी योजनाओं में मोटे अनाजों के उपयोग की सर्वोत्तम कार्य योजनाओं से सीख प्राप्त करें, जो पोषण को जोड़ने और स्वस्थ आहार को बढ़ावा देने में सहायक है। सम्मेलन में फोर्टिफाइड राइस (प्रतिबलित चावल) के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करके देश के विभिन्न हिस्सों में रक्ताल्पता और पोषण संबंधी कमियों से लड़ने पर भी विचार-विमर्श किया गया। यह उल्लेखनीय है कि राइस फोर्टिफिकेशन का दूसरा चरण 31 मार्च, 2023 के लक्ष्य से काफी पहले ही पूरा कर लिया गया है, जिसमें चावल की खपत करने वाले सभी 269 जिलों को शामिल किया गया है। चावल के सुदृढ़ीकरण पहल का तीसरा चरण 01 अप्रैल, 2023 से शुरू होगा, जिसका उद्देश्य आईसीडीएस, पीएम पोषण और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अतिरिक्त 31 मार्च, 2024 तक देश के गेहूं खपत वाले जिलों को छोड़कर सभी जिलों में प्रतिबलित चावल वितरित करना है। हालांकि विभाग सितंबर 2023 तक लक्ष्य पूरा करने का लक्ष्य बना रहा है। देश भर में कुशल और प्रभावी खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए, उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न खरीद की सर्वोत्तम कार्ययोजना, पंजाब द्वारा रूट ऑप्टिमाइजेशन और एफसीआई द्वारा ऑटो ग्रेन एनालाइजर भी प्रमुख आकर्षण रहे हैं। कृत्रिम आसूचना पर आधारित ऑटो ग्रेन एनालाइजर धान, चावल, गेहूं, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज के लिए उच्च सटीकता के साथ एक मिनट में परिणामों को प्रोसेस करने में सक्षम है। इसे आईसीएआर सीफेट, लुधियाना द्वारा प्रमाणित किया गया है। इसमें मानवीय हस्तक्षेप/त्रुटि/पूर्वाग्रह को न्यूनतम करना शामिल है और प्रत्येक अनाज का डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य परिणाम देने के जरिए समय की बचत होती है। प्रवासी लाभार्थियों को खाद्यान्न की निर्बाध प्रदायगी के लिए स्मार्ट पीडीएस और एक राष्ट्र एक राशन कार्ड से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई। खाद्यान्न की खरीद, भंडारण, गुणवत्ता और वितरण पर वास्तविक समय डेटा के लिए आंध्र प्रदेश द्वारा कमांड कंट्रोल सेंटर की सर्वोत्तम कार्य योजना पर भी चर्चा की गई, जिसके लिए सभी राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे अपने प्रणाली को प्रभावी और कुशल बनाने के तरीकों को सीखें और उनका अनुपालन करें। This article has been republished from The
Read moreBy ANI As a part of the Government of India’s initiative towards market intervention to control the price of wheat
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