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भारत वर्ष 2026 में भी रहेगा दुनिया का शीर्ष चावल निर्यातक: USDA की रिपोर्ट

By M & M Bureau

भारत वर्ष 2026 में बड़े अंतर से दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक बना रहेगा। अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) की हालिया रिपोर्ट (May 2025) के अनुसार, भारत रिकॉर्ड 24.5 मिलियन टन चावल का निर्यात करेगा, जो वैश्विक चावल व्यापार का लगभग 40 प्रतिशत होगा।

रिपोर्ट के अनुसार, यह उपलब्धि रिकॉर्ड उत्पादन, मजबूत स्टॉक और प्रतिस्पर्धात्मक कीमतों के चलते संभव हो रही है। यह लगातार दूसरा वर्ष होगा जब भारत वैश्विक चावल निर्यात में सबसे आगे रहेगा।

गौरतलब है कि USDA का विपणन वर्ष अक्टूबर से शुरू होकर अगले वर्ष सितंबर तक चलता है, जबकि भारत का वित्तीय वर्ष अप्रैल से मार्च तक होता है। इस आधार पर वर्ष 2025-26 के लिए भारत का चावल निर्यात अब तक के उच्चतम स्तर पर अनुमानित किया गया है।

वैश्विक आपूर्ति और उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि

USDA की रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक चावल आपूर्ति 2025-26 में रिकॉर्ड 723.8 मिलियन टन (मिल्ड आधार पर) तक पहुंच सकती है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.1 मिलियन टन अधिक है। यह लगातार तीसरा वर्ष होगा जब वैश्विक चावल उत्पादन में वृद्धि दर्ज की जाएगी।

भारत और चीन दुनिया के दो सबसे बड़े चावल उत्पादक देश बने हुए हैं, जो मिलकर वैश्विक उत्पादन का आधे से अधिक हिस्सा देते हैं। भारत में चावल उत्पादन में इस वर्ष लगभग 0.7 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है, जबकि चीन में यह वृद्धि 0.5 प्रतिशत हो सकती है।

भारत में रिकॉर्ड पैदावार की उम्मीद

भारत में कटाई क्षेत्र में लगभग 5 लाख हेक्टेयर की कमी (कुल 50.5 मिलियन हेक्टेयर) के बावजूद, सामान्य मानसून की उम्मीदों के चलते रिकॉर्ड पैदावार का अनुमान लगाया गया है। यह भारत के लिए लगातार दसवां वर्ष होगा जब चावल का रिकॉर्ड उत्पादन होगा।

बांग्लादेश, चीन और भारत बना रहे हैं बढ़त

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर चावल उत्पादन में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का मुख्य श्रेय बांग्लादेश, चीन और भारत को जाता है। इन देशों की बढ़ी हुई पैदावार ब्राजील, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों में आई उत्पादन गिरावट की भरपाई कर रही है।

भारत में खपत भी रिकॉर्ड स्तर पर

भारत, जो दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा चावल उपभोक्ता देश है, में खपत रिकॉर्ड 125.0 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 4.0 मिलियन टन अधिक होगी और यह लगातार चौथा वर्ष होगा जब भारत में खपत बढ़ रही है।

इस खपत में वृद्धि का मुख्य कारण बड़ी आपूर्ति है, जिससे सरकार को अपने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत सब्सिडी वाला चावल गरीबों तक पहुंचाने में आसानी हो रही है।

निष्कर्ष

भारत का चावल उत्पादन और निर्यात दोनों ही स्तर पर रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है। वैश्विक मांग, अनुकूल मौसम और सरकार की वितरण नीतियां मिलकर भारत को वर्ष 2026 में भी चावल व्यापार में विश्व नेता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

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