छत्तीसगढ़ में सख्त निगरानी का असर: अब तक एक लाख क्विंटल से अधिक बाहरी धान जब्त, सीमा पर कड़े पहरे
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल धान खरीदी के साथ ही राज्य में अवैध धान की एंट्री पर पूरी तरह नकेल कस दी है। 15 नवंबर से खरीदी शुरू होने के बाद से अब तक विभिन्न कार्रवाइयों में एक लाख क्विंटल से अधिक बाहरी राज्यों से लाया जा रहा धान जब्त किया गया है। राज्य में अलग-अलग जिलों में विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें लगातार निगरानी, चेकिंग और कड़ी कार्रवाई जारी है।
सरकार ने जिला और राज्य सीमाओं पर कई चेक पोस्ट स्थापित किए हैं, साथ ही खाद्यान्न ढुलाई करने वाले GPS-युक्त वाहनों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। इस बार कई चेक पोस्ट डिजिटल वेरिफिकेशन और अंतरराज्यीय समन्वय के साथ और भी मजबूत किए गए हैं, ताकि एक भी फर्जी खरीद या अवैध परिवहन न हो सके। सभी खरीद केंद्रों में तकनीक-आधारित और जवाबदेही वाली व्यवस्था अपनाई गई है, जहां प्रतिदिन आने वाले वास्तविक धान का डेटा सटीक रूप से दर्ज किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि धान खरीदी की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहे। अवैध परिवहन और फर्जी खरीद किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धान खरीदी की अवधि 31 जनवरी 2026 तक जारी रहेगी।
अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) ने सीमावर्ती जिलों में चेक पोस्ट बनाए हैं और धान के अवैध आवागमन पर रोक लगाने के लिए कलेक्टरों की अध्यक्षता में विशेष टास्क फोर्स गठित की है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “इस वर्ष मार्कफेड ने एकीकृत कमांड और कंट्रोल सेंटर की स्थापना की है, जिसके जरिए खरीदी प्रक्रिया की रियल-टाइम निगरानी की जा रही है। राज्य की सीमाओं से जुड़े 16 से अधिक चेक पोस्टों पर कैमरे लगाए गए हैं, जहां से चौबीसों घंटे मॉनिटरिंग होती है।”
हर छोटे-बड़े चेक पोस्ट पर तैनात कर्मचारी छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने वाले हर वाहन का पूरा विवरण डिजिटल रूप से दर्ज कर रहे हैं।
‘सेंट्रल इंडिया का डूब क्षेत्र’ कहलाने वाला छत्तीसगढ़ किसानों को धान के लिए 3,100 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देता है, जो देश में सर्वाधिक माना जाता है। इसी आकर्षक MSP के कारण उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे राज्यों से धान को अवैध रूप से छत्तीसगढ़ लाकर सरकारी खरीदी का लाभ लेने की कोशिशें की जाती हैं। इससे पहले भी कई बार अधिकारियों ने राज्य में अवैध रूप से लाया और संग्रहित किया गया धान जब्त किया था।
कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ की सख्त निगरानी व्यवस्था और तकनीक आधारित खरीदी प्रणाली ने बाहरी धान के अवैध प्रवेश पर इस बार बड़ा अंकुश लगाया है।
